free india
free india
हाँ हैं हम आजाद देश के वासी है।
पर संस्कृति अपनी भूल गये हम।
बढ़ता अनाचार
धर्म के नाम पे होते जाने कितने अनाचार।
कौन इनको इनसानियत का पाठ पढ़ाएगा।
धर्म के नाम पे एक दूसरे को बरगला रहा है इनसान।
आज़ादी का खोया मतलब।
बढ़ती डिग्रियों का लेखा जोखा
हुआ मानव संकुचित विचार धारा का।
पर हम है free india का हिस्सा
हम नित करते नये नये आविष्कार
जीवन शैली भी बदल गयी हमारी।
रोटी-दाल से बर्गर पिज्जा को अपनाने में
तनिक संकोच नहीं किया हमने।
फिर क्यों free india को हम धूमिल कर रहे है।
अपने देश से ज्यादा क्या किसी और देश में सुरक्षित है हम।
ये free india प्रश्न पूछता है ।
हर उस देश वासी से।
जो आजादी का मतलब करता धूमिल ।
मतलब अपना सिद्ध करने हेतु मानव ।
भूला सब जीवन का मापदंड।
धरना प्रदर्शन है माना अपना अधिकार
पर आजाद देश के लिए ये बन गया है अभिशाप
आजाद देश में हर रोज होती इनसानियत तार तार
ये सपना देखा था???
राज गुरु और भगत सिंह ने।
हाय आज देश मे होता नारी का नित चीर हरण
दूध मुंहे बच्चे तक नहीं सुरक्षित।
अब कम होने लगी है freedindia wali feeling
कोई राम को गाली देता।
कोई रहीम का हवाला देता
पर कोई ना झांके अपने अन्दर
एक छत्र राज्य चाहिए।
क्या
कोई पाया है अमरत्व का वरदान
आओ आजाद देश का जश्न मनाते
हैं।
आओ इनसानियत को गले लगाते हैं।
सच में हर उस धर्म का सम्मान करें जो ।
जो इनसानियत को अपना धर्म समझे।
जय हिंद