फ़ना हो गया।
फ़ना हो गया।
क्यों रुके हैं सभी, क्या यहां हो गया,
जान पड़ता है कोई फ़ना हो गया
जाने कितने गिले ज़िन्दगी के है ग़म,
क्या गिला हो गया, जो फ़ना हो गया?
हर तरफ शोर है, कौन है ये यहाँ,
जान पड़ता है, कोई है क़ाफ़िर यहाँ,
क्या पता है दफन दर्द सीने में जो,
ऐसा लगता है आशिक फ़ना हो गया।
आशिकी का यही हश्रे अंज़ाम है,
दर्द लाखों है, और वो परेशान है।
कोई साथ नहीं देता इसमें कभी।
आशिकी ही है ये जो फ़ना हो गया।
