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ritesh deo

Abstract

4  

ritesh deo

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एन्क्रिप्टेड सा हो गया

एन्क्रिप्टेड सा हो गया

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समझने की कोशिश अब फिर से मत करना हमको

अब मै पहले जैसा ना रहा ,थोड़ा सा एन्क्रिप्टेड सा हो गया हूँ अब


मेरी फीलिंग्स मेरे जज़्बात अब थोड़े और उलझ से गए हैं

मै वो सुलझा हुआ मुसाफिर ना रहा जो तेरी राहों से गुजरता था


फितरत बदल गई जीने का सलीका बदल सा गया 

मत करना कोशिश अब हाँ थोड़ा सा एन्क्रिप्टेड सा हो गया हूँ


याद है वो स्लोगन ,याद है वो हवाएं याद है वो फिज़ा

भूलने की खातिर अब तो बस यादों से इंफेक्टेड सा हो गया हूँ


मत करना कोशिश हमको समझने की फिर से अब 

अब मै पहले से ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड सा हो गया हूँ

समझ ना पाओगे अब थोड़ा सा एन्क्रिप्टेड स हो गया हूँ


मत करना कोशिश डिक्रिप्ट करने की , कर ना पाओगे अब 

ये एंक्रिप्शन भी अब एन्क्रिप्टेड सा हो गया है


मुझे तो याद नहीं की मै कौन था ,और कौन हूँ अब

शायद अब मै खुद को भी भूल सा गया हूँ


अब फिर से कोशिश मत करना समझने कि हमको

खो चुका हूँ मै खुद को, हाँ अब मै एन्क्रिप्टेड सा हो गया हूँ।




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