एक सलाम आपके नाम
एक सलाम आपके नाम
जय हिन्द जय जवान
यही लफ्ज़ करता है फरमान।
मेरे रोम रोम में समाए हो
दुश्मनों के छाती पर प्रहार करते हो।
हे! वीरों यहीं आखिरी इंतकाम।
एक सलाम आपके नाम।
आपका लहू बहाया जिसने।
लहू के कण से सैकड़ों वीरों का जन्म होगा।
तुम्हारे बच्चे न भूलेंगे।
ईश्वर भी साथ देकर कहेगा।
भारत मां को रुलाया जिसने,
बेटा कर देगा उसको काम तमाम।
एक सलाम आपके नाम।
तिरंगे को न झुकने दिया तूने।
हिन्दुस्तान का सम्मान बढ़ाया
।
याद तुम्हें करेंगे, यहां के मिट्टी और कड़।
तूने हंसते हुए फांसी पर चढ आया।
गति बढ़ती रहेगी, सांसे जब तक रहेगी।
हम करेंगे आपका सम्मान।
एक सलाम आपके नाम।
जिसने जो न किया वो करके दिखाया।
अंग्रेजो के छाती पर चढ कर देश ,
आजाद कराया।
अपनी पहचान छोड़ कर चला गया।
खुद अपने प्राणों के आहुति देकर चला गया।
मै कैसे भुलू आपको,
सर झुका कर करता लेखक- मनोज कुमार प्रणाम।
एक सलाम आपके नाम।।