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संजय असवाल "नूतन"

Inspirational

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संजय असवाल "नूतन"

Inspirational

एक दिन सब को जाना है

एक दिन सब को जाना है

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एक दिन सब को जाना है 

ये नाम 

ये शोहरत 

ये हीरे जवाहरात 

ये अकूत संपदा

सब यही छूट जाना

एक दिन सब को जाना है ।

जिंदगी भर 

भागते रहे जिसके लिए 

सांस कम मगर 

जोखिम बड़े उठाते रहे 

उसे भी एक दिन 

खुद दफ़न हो जाना है 

एक दिन सब को जाना है।।

खुशियों को जीना भूल गए

स्वार्थ में ही जीते रहे 

गम दूसरों का देखकर भी

हम राह अपनी बदलते रहे

एक दिन बेनिशान हमें हो जाना है

एक दिन सब को जाना है।

ये जिस्म उधार का है

आत्मा का इसमें बसेरा है

किराए के मकान में 

वो भी कब तक रहेगी 

उसे एक दिन ये देह छोड़

परमात्मा में मिल जाना है 

एक दिन सब को जाना है ।।

सुन दिल की आवाज को

अपनों के अहसास को

यही तेरे अस्तित्व का अक्श है

जिसे देखता पूरा समाज है

बंद कर दूसरों के पीछे भागना 

जो कमाया सब यहीं छूट जाना है

एक दिन सब को जाना है।

ये जिंदगी आनी जानी है 

दो पल का ये आशियाना है 

मत रख मोह इस जिंदगी से 

इसे बह जाना है 

माटी की मूरत हैं हम

माटी में मिल जाना है

एक दिन सब को जाना है।।

इस हसीन सफर में तू 

हाथों से अपने प्यार बांट 

जो बीत गया उसे भूलकर

नेकी के राह पर चलके दिखाना है 

मत भाग इन ख्वाईशों, हसरतों के पीछे 

इन हसरतों में एक दिन खो जाना है 

एक दिन सब को जाना है।

मत हो उदास ये जिंदगी है प्यारे

जिंदगी के राहों में बढ़ते जाना है 

क्या रखा है यूं परेशान रहने में 

दुःख दर्द अकेले सहने में 

दो पल की जिंदगी है 

दो पल में मिट जाना है 

एक दिन सब को जाना है।।



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