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Pawan Jha

Tragedy

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Pawan Jha

Tragedy

एक बात

एक बात

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पहले वो झोपड़ी जली

अब शहर भी जल गया


उस भयानक आग में

हिमालय भी पिघल गया।


बात जो शुरु हुई

रात तक थी जो चली


शाम तक उस बात का

अस्तित्व ही बदल गया।


हुई थी बस एक रोशनी

चिंगारी कहलायी गयी


इसमें कितना सच है

वो तो पहले-ही-पहल गया।


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