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Praveen Gola

Abstract

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Praveen Gola

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एक आँधी सी चल पड़ी है

एक आँधी सी चल पड़ी है

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चलो आओ छोटे बच्चे बन जायें, तुम मुझे वोट दो और हम, तुम्हारे वोट से अपना दिल बहलायें।

एक आँधी सी चल पड़ी है फिर से, स्टोरीमिरर के आँगन में आजकल, जहाँ जीतने की होड़ है हर पल।

सभी को लगता ट्राफी उसे मिलेगी, मगर कोई ये नहीं सोचता कि, जो हकदार है केवल उसे मिलेगी।

जहाँ लेखक ही लेखक से वोट माँगे, और पाठक का कोई मूल्य ना जाने, बस चाहते सब गले में तमगा टाँगे।

कुछ लेखक करने लगे हैं झगड़ा, हमारे वोट देने पर अब दूसरे को भी, वोट देना पड़ेगा सबसे तगड़ा।

अरे हम क्यूँ उलझ रहे हैं, इस वोटों के व्यापार में, सब मोह माया है इस संसार में।

इसलिये शांति से लेखन करते चलिये, अपना संदेश देकर औरों को, उनके दिमागी मंथन का स्वाद चखिये।

जो होगी तुम में काबिलीयत, तो Author of the Year की, हमेशा रहेगी एक खासियत।

इसलिये मस्ती से अपना फर्ज निभायें, अपने द्वारा किये गए किसी भी कार्य से, स्टोरीमिरर के नाम को ठेस ना पहुँचायें।



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