कथनी, करनी एक हो, तो बन जाये बात भाव सदा मंगल रहे, मंगल हो दिन-रात। कथनी, करनी एक हो, तो बन जाये बात भाव सदा मंगल रहे, मंगल हो दिन-रात।
कवि फिर परेशान था आज किसपर कविता लिखी जाए। कवि फिर परेशान था आज किसपर कविता लिखी जाए।
कभी पाठक संग हंसती हैंं तो कभी रोती हैंं सच,किताबें सिर्फ किताबे नहीं बहुत कुछ होती! कभी पाठक संग हंसती हैंं तो कभी रोती हैंं सच,किताबें सिर्फ किताबे नहीं बहुत क...
लेखक को लिखने से रोक सका कब कौन ।। लेखक को लिखने से रोक सका कब कौन ।।
महंगाई में सरकार को कोसा जाए महंगाई में सरकार को कोसा जाए
कवि की कलम किस चीज के लिए चलनी चाहिए...? आप ही बताओ...!!! समाज के लिए मा...? कवि की कलम किस चीज के लिए चलनी चाहिए...? आप ही बताओ...!!! समाज के लिए मा...?