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Moonsfeeling by Chand

Inspirational

4.0  

Moonsfeeling by Chand

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एक आम घर की बेटी

एक आम घर की बेटी

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एक आम घर की बेटी मिट्टी में खेलकूद कर पली-बड़ी बेटी गांव की पगडंडियों गली कूचों से, शहर की ओर आई बेटी। छोटी उम्र, बड़ी-बड़ी आंखो में सपने देखती बेटी, छोटी उम्र से बड़ी उम्र तक घर की रौनक बेटी, मन से जिज्ञासु , मां की ममता जैसी दिखती बेटी, उमर से बच्ची अकल से बच्ची ,

जिम्मेदारियों से बड़ी बेटी, जिंदगी को करीब से समझने वाली बेटी, अंधकार में रोशनी का दीया बेटी, छोटी उम्र में घर संभालते हुई बेटी, अपने सपनों को मारकर अपने परिवार के लिए जीती हुई बेटी।... अनजान शहर में अनजान लोगों के बीच निडर काम करती हुई बेटी अपने परिवार का खर्चा चलाती हुई बेटी, अपनी खुशियों से परे होकर अपने परिवार की खुशियां बांटते हुई बेटी....

बड़े शहर में छोटी सी नौकरी करके पैसे जोड़ती हुई बेटी अपने परिवार से दूर होने से डरती हुई बेटी, शादी में मागँने वाले दहेज से डरती हो बेटी, अपने परिवार की खुशियों के लिए कई रिश्ते ठुकराती हुई बेटी....

अकेले में रोने वाली बेटी, अपने घर की इज्जत के लिए अपना प्यार छुपाती हुई बेटी अपने प्यार से मजबूरी में तोड़े गए रिश्ते से लोगो द्वारा बेवफा कहलाती हुई बेटी, भावनाओं से कमज़ोर संकल्पों से मजबूत ऐसी होती हैं बेटी, ये होती है एक आम घर की बेटी।


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