एहसास: कुछ अनकही बातों की
एहसास: कुछ अनकही बातों की
स्वर्ण से चमकता सूर्य की पहली किरण,
चांदनी की रात से धरती पर ओस की मोती बिछाए,
मिट्टी की सौंदी खुशबू, मुस्कुराते कहे...
एहसास है कुछ अनकहे बातों की,
नई सुबह, नई पहचान,
उम्मीद की एक नई किरण के साथ,
एक नई रिश्ते की पहचान,
धूप छांव की खट्टी मिट्टी सी जिंदगी...
एहसास है कुछ अनकहे बातों की,
वृक्षों की टहनी पर बैठे पक्षी की प्रेम की जोड़ी,
बरसात से थिरकती रिमझिम होली,
प्रेम के गलियों में कविता की श्रृंगार बोली,
परिपूर्णता की सरिता में फिजाएं डोली,
वाह! ये मंद मुस्कुराहट..
एहसास है कुछ अनकही बातों की
स्वर की ताल में सात स्वरों की गीत है...
हृदय की सीप में तेरे प्रेम मोती की मीत है..
नदी की बहती दूध की धारा..
सागरों के साहिल से मिलन को प्यासी,
प्रकृति कि मिलन का प्रतीक है...
एहसास है कुछ अनकही बातों की।