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Vikas Srivastava

Drama Tragedy

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Vikas Srivastava

Drama Tragedy

दुनिया लड़ दी मंदिर मस्जिद

दुनिया लड़ दी मंदिर मस्जिद

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दुनिया लड़ दी मंदिर मस्जिद,

मैं लड़ दा दिल मेरे नाल वे,


दिल दे अंदर चोर बसा के,

पहन के मुन्द्री ते कलावा,


दुनिया लब्बदी गंगा कावा,

रब्ब नहीं मिलना एदा लोको,


पहले जा के हँसना सीखो,

जीना सीखो, हँसाना सीखो,


रूठया नूँ मनाना सीखो,

मुर्शिद वसदा हर दिल दे बीच,


तां है हर सू तेरे नॉल,

बदल के वेश कमलया,


तेरे अंदर दे सवाल,

मुर्शिद खुद आ जाना,


तेरे कौल जे है नाराज वे,

मन नू कर ले काबू तू,


वेख फिर मुर्शिद तेरे पास वे,

दर दर फिरदा फ़क़ीर सुन लो,


टक्कर खांदी रूह वे,

साख साख कूचा कूचा,


लब्दा नै रकीब नू,

ज़ख़्म मिले उनो हर मंज़िल ते,


पैर लब्दा नै तबीब नू,

मन जदो हो पाक फकीरा,


रब पुछदा खुद हाल वे,

दुनिया लड़ दी मंदिर मस्जिद,


मैं लड़ दा दिल मेरे नाल वे।।


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