SHWETA GUPTA
Abstract
हाथ फैलाए हुए
जब देखा था उसे
चंद सिक्के देकर
खुद को अमीर
समझ लिया था
एहसास हुआ
अपनी गरीबी का
उसकी दुआओं में जब
बरकत देखी
वह कौन?
दो सौ वर्ष
गुल्लक
प्रकृति माँ क...
मैं मोदी हूँ
अभिमन्यु के उ...
गर्मी की छुट्...
मैं सैनिक नही...
क्या यह विकास...
वंदे मातरम्
इस महामारी से निपटने का वक्त है जिन्दगी की ओर एक साहसी कदम बढ़ाने का इस महामारी से निपटने का वक्त है जिन्दगी की ओर एक साहसी कदम बढ़ाने का
हम सबने यह ठाना है कोरोना को भगाना है। हम सबने यह ठाना है कोरोना को भगाना है।
देख कर गंदी सियासत आज-कल अब मुसाफ़िर बेकली होने लगी। देख कर गंदी सियासत आज-कल अब मुसाफ़िर बेकली होने लगी।
तुम पर हर सांस के साथ प्रगाढ़ हो तुम पर हर सांस के साथ प्रगाढ़ हो
न इच्छा की मृत्यु होती है न इच्छा से मृत्यु होती है। न इच्छा की मृत्यु होती है न इच्छा से मृत्यु होती है।
लॉक डाउन के समापन पर फिर से शंख घरों के छत पर चदकर बजने होंगे ! लॉक डाउन के समापन पर फिर से शंख घरों के छत पर चदकर बजने होंगे !
संक्रमण की चैन तोड़कर, उनकी बातों पर ध्यान दें। संक्रमण की चैन तोड़कर, उनकी बातों पर ध्यान दें।
इसी सुकून से हम अलग हो जाते हैं, केवल कमाने की चाह में। इसी सुकून से हम अलग हो जाते हैं, केवल कमाने की चाह में।
धुएं की चादर हटा गई प्रदूषण की मात्रा स्वतः घट गई। धुएं की चादर हटा गई प्रदूषण की मात्रा स्वतः घट गई।
उनके लिये हम क्यूँ रोते हैं ? जो हमारे होकर भी हमारे नहीं होते है। उनके लिये हम क्यूँ रोते हैं ? जो हमारे होकर भी हमारे नहीं होते है।
प्रकृति की सौन्दर्य को सुरक्षा का आश्वास देना है। प्रकृति की सौन्दर्य को सुरक्षा का आश्वास देना है।
बांटों जीवन की ये निशानी, के बच्चे सुनाएं तुम्हारी कहानी। बांटों जीवन की ये निशानी, के बच्चे सुनाएं तुम्हारी कहानी।
ये फिजा धरती पे आकर मौज करती है। ये फिजा धरती पे आकर मौज करती है।
नमस्ते हाथ को जोड़कर कोरोना हम भागना हैं। नमस्ते हाथ को जोड़कर कोरोना हम भागना हैं।
कृष्ण जैसा सारथी राम में मिलता नहींं। कृष्ण जैसा सारथी राम में मिलता नहींं।
आओ फिर गुणगान करें, प्रकृति का फिर सम्मान करें। आओ फिर गुणगान करें, प्रकृति का फिर सम्मान करें।
तुम्हें देखने की हमें आदत सी हो गई है हमारी रातों की नींद भी कहीं खो गई है। तुम्हें देखने की हमें आदत सी हो गई है हमारी रातों की नींद भी कहीं खो गई है।
हर प्राणी के साथ, खुद को भी तुम तार लो। हर प्राणी के साथ, खुद को भी तुम तार लो।
सूरज की किरणें करें अठखेलियाँ बिखरी रोशनी पर्वतों के पार। सूरज की किरणें करें अठखेलियाँ बिखरी रोशनी पर्वतों के पार।
हमें घर पर ही खुशियां पिरोना है कोरोना का रोना ना रोना है। हमें घर पर ही खुशियां पिरोना है कोरोना का रोना ना रोना है।