दशकों पहले जन्मा था लाल
दशकों पहले जन्मा था लाल
दशकों पहले एक बाल था जन्मा
नाम था जिसका लाल
धरती पुत्र वह कहलाया था
देश को कर गया था खुशहाल
थे कद से बड़े उनके विचार
गहना था उनका सादगी
दिए थे देश को नए विचार
विचित्र थी उनकी हर करणी
देश के रहे थे जब गृहमंत्री
अद्दभुत थे उनके जज़्बात
रणनीति उनकी लोकतांत्रिक थी
सुधर रहे थे देश के हालात
जय जवान जय किसान का नारा
आकाश में लगा था गूंजने
शारदा माँ का हर एक जन
प्यार व विश्वास से लगा था पूजने
विश्वास का गहरा पाठ सिखाकर
भारतवासियों को खुद्दार बनाया था
अपनी दिलेरी के बल बूते पर
तिरंगे का कद खूब बढ़ाया था
कद उनका इतना बढ़ रहा था
अवसर्ववादियों की आंखों का कांटा बना
ताशकंद समझौते के भीतर
क्या खूब उन्होंने षड्यंत्र रचा
ग़द्दारों ने दिखाई थी नपुनसंकता
ताशकंद में ही उनका संहार करा दिया
डरते थे उनकी शेरदिली से
पीठ पीछे ऐसा गहरा प्रहार किया
गर ज़िंदा वह देश लौटते
कितनी ही गूथियाँ खुल जानी थी
चेहरों से मुखौटे ऊत्तर जाने थे
इज़्ज़त मिट्टी में मिल जानी थी
लाल बहादुर जैसा विरला नेता
असमय ही जब देश ने खोया था
जनता में मची थी खूब त्राहि त्राहि
षड्यंत्रकारी चैन की नींद सोया था
एक और मौत रह गई थी रहस्य बनकर
और षडयंत्रो की सीमाएं बढ़ रही थी
था अवाक देश का उठता गिरता नागरिक
हवाले, घोटाले की जड़ें और गहरी गड रही थी
अचानक असमय हुई मौत के प्रमाण
सारे के सारे थे गायब कर दिए गए
आज तक जिसका कोई उत्तर न मिला
फैसले भी पड़े है अधूरे के अधूरे सारे
करता हर भारतवासी नमन आपको
अमर रहोगे ए लाल तुम हमेशा हमेशा
सदियां चाहे कितनी बदले,और बदलें सरकारें
"मरो नही मारो बड़ो" नारा आपका गूंजता रहेगा
"जय जवान जय किसान " है भारत की असली शान
समझाया तथ्य आपने, रखेंगे इसका हम सदा ही मान।
