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दृष्टिकोण

दृष्टिकोण

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जीवन में सबसे दुर्भाग्यशाली 

वह है,

जिसके पास दृष्टि तो है

पर दृष्टिकोण नहीं

पर सच तो ये है,

क्योंकि दृष्टिकोण के लिए

अपने भीतर की दुनिया से

जुड़ना पड़ता है

आंकना पड़ता है

आकारों के पार निरंकार मन में

क्योंकि कहता तो

अध्यात्म भी यही है!

आओ आकार से ऊपर उठने के लिए

निरंकार कि और चले.....!!


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