दोस्त
दोस्त
वो हर शख़्स जो आपसे प्यार करे
आपके मन की बात सुने समझे
आपकी कमियां नहीं खूबी देखे
जैसे हो बस वैसे ही स्वीकार करे
वो दोस्त है...
आप भी कुछ ऐसा ही महसूस करते हैं
किसी अपने के लिए तो
आप भी उसके दोस्त हैं
कोई ख़ास परिभाषा है नही वैसे
ये रिश्ता कुछ ऐसा ही है जैसे
जब आंखों में चमक हो
चहरे पे मीठी मुस्कान
बाहें फैलाए मिले यार जब
वही दोस्ती की पहचान हो
मां बहन संतान या साथी
हर जन का सखा बनकर
दिल में झांक कर देख ज़रा
एक दोस्त भी है तेरे अंदर।
