दो ज़िस्म
दो ज़िस्म


दो ज़िस्म
एक आग
दोनो मिले
साथ - साथ
इशारे हुए
नज़ारे हुए
हर तरफ
गर्म साँस
दहकते शोले
बहकते जज़्बात
फिर खिली
चाँदनी रात
बोझल तन
प्यासा मन
भीगे नयन
हृदय दर्पण
उलझे केश
सजती सेज
पकड़े कसके
उमंगे तेज़
कुछ शब्द
फिर धुआँ
कुछ बेचैनी
फिर नया
एक जोश
एक आशा
नया सवेरा
नई अभिलाषा
दो ज़िस्म
एक खामोशी
पूरी हुई
अगन अनोखी