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दो पल और साथ

दो पल और साथ

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अगर दे दो, दो पल और साथ

तुम्हें बाँहों में भर के, रो लूँ जरा - सा, 

कि बिछड़ जाओगे तो याद ही आओगे

हमें खूब पता है,

फ़िर कहाँ तुम यहाँ, यार आओगे...।


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