मेरी तन्हाई के लिखे ख़त
मेरी तन्हाई के लिखे ख़त
एक तू, एक तेरी यादों का क़र्ज़
उफनते आँसू, सुलगते दिल में दबा दिए
मेरी तन्हाई के लिखे ख़त
ख़ुद से छिपा, समुन्दर को थमा दिए...।
एक तू, एक तेरी यादों का क़र्ज़
उफनते आँसू, सुलगते दिल में दबा दिए
मेरी तन्हाई के लिखे ख़त
ख़ुद से छिपा, समुन्दर को थमा दिए...।