Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Suresh Mokalpuri

Tragedy

4.5  

Suresh Mokalpuri

Tragedy

दंगों का काव्य शास्त्र

दंगों का काव्य शास्त्र

1 min
561



'लोक' नही

'तन्त्र' दंगा कराता है

लोक को भड़काता है

लाशों की गिनती

आंकड़ो में दर्ज कराता है

'तन्त्र' जानता है कि

'लोक' तभी ठीक-ठाक रहेगा

जब दंगा होगा,

खून बहेगा

धुआँ उठेगा

'लोक' जलेगा

'तन्त्र' का फायर बिग्रेड आयेगा

'लोक' की लाश बुझाएगा

मलवे में दबी, लोक की लाश 

निकाली जायेगी

खास-खास लोगों की

शिनाख्त भी करायी जायेगी

आम लाशें इधर-उधर की जायेंगी

क्षति-पूर्ति के लिये

एक-एक लाश पर कई अर्जियाँ गिरेंगी

बाकायदा सरकारी पंचायत होगी

विधायक,सांसद,नेता आयेंगे,

दरोगा-पटवारी मुआवजा बटवांयेगे,

तन्त्रालय का कोई बड़ा तंत्री आएगा

जो सफेद कुरते पायजामें में होगा

सदरी,साल,स्वेटर

एक हेलीकाप्टरी टीम भी होगी 

एक छोटा सा भाषण होगा,

दो-चार चमचे रहेंगे,

जिन्दा मुर्दाबाद कहेंगे

'लोक' मौन रहेगा

'तन्त्र' पोस्टमार्टम का नाटक करेगा

कई टुकड़ों में कटा 'लोक'

गठरी में बंधेगा

तन्त्र के कारिन्दो को

इन्तजार रहेगा,

फिर ऐसे ही दंगों का ।।

          


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy