दिल
दिल
ख़ामोश रहने से ज़ज्बात नहीं बदलते,
दिल टूटने से ख्याल नहीं बदलते,
इश्क का शौक जब से लगाया,
अपना मजाक खुद से बनाया,
यूँ बेहतर था, मैं तन्हा रह कर,
नाकाबिल हो गया, तेरी मुहब्बत में रह कर।
ख़ामोश रहने से ज़ज्बात नहीं बदलते,
दिल टूटने से ख्याल नहीं बदलते,
इश्क का शौक जब से लगाया,
अपना मजाक खुद से बनाया,
यूँ बेहतर था, मैं तन्हा रह कर,
नाकाबिल हो गया, तेरी मुहब्बत में रह कर।