दिल से अमीर हूँ मैं
दिल से अमीर हूँ मैं


किसी महान इंसान ने कहा था
गरीब होना पाप नहीं
पर गरीब मरना पाप है
पर उससे भी बड़ा पाप है
अपनी गरीबी पे हर वक्त दुखी रहना।
हाँ गरीब हूँ मैं
पर दिल से पूरा अमीर हूँ मैं
घर में आये जो यजमान हो
दीखते मुझे भगवान वो
जो हो सके परोसता हूँ पकवान वो
गरीब हूँ पर खुश हूँ मैं
चादर देख पैर पसारता हूँ मैं
हर छोटी चीज़ में खुश रहना
जानता हूँ मैं
दर्द चाहे आये जितने उस भगवान
का शुक्र गुज़ारना जानता हूँ मैं
दो वक्त की रोटी के लिए हर
तरफ पैर मारना जानता हूँ मैं
है गरीब हूँ मैं पर देश के
विकास के एक भाग में अपना
हिस्सा बनाना जानता हूँ मैं ॥