दिल की आवाज
दिल की आवाज
सुनो कभी इस दिल की आवाज तो आवाज तुम भी लगाना
प्यार का गुलदस्ता ना सही बस मुस्कान का गुलाब खिलना
दबाओ नहीं दिल की आवाज इसकी बातों पे जरा गौर करो
गर पाना ये मुझे चाहे तो थोड़ा बहुत प्रयास तुम भी तो करो
गर संजोना मुझे चाहो तो ये आसान सा काम करना
आधुनिक प्रेम का पाठ नहीं कच्चे घागे में मोती सी पिरोना
निखारना जो चाहो मुझे तो ये आसान सा काम करना
अपने आँगन की मिट्टी में मुझे प्रेम की तुलसी सी बोना
बातें जो गर करनी हो मुझसे तो अपनी आँखें बंद कर लेना
अपनी धड़कन के तरानों में मेरी धड़कन के भी गीत सुनना
हर वक्त चलूँ मैं तुम संग जैसे चले श्वास इस देह के संग
है साथ हमारा ऐसा जैसे साथ हो दीया का बाती के संग।