दिल के अरमान
दिल के अरमान
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ज़िन्दगी में बहुत सी मौके आते हैं
जब वह बेजुबान रह जाते हैं
दिल में अरमान होठों पे चुप्पी
फिर भी हालत सब बयान करती है
किस कमजोर की है मुझे तलाश
उसके बिना बन ना जाऊँ में एक ज़िंदा लाश
जैसे मिला हूँ उसी ने ही सराहा है
फिर भी क्यों दिल में एक प्यास बाकी है
बारिश कल भी अच्छी
लगती थी आज भी लगती है
फिर भी मेरे मन में एक
अधूरी सी प्यास आज भी है।
जीवन की इस मोड़ पर
कैसी विकट परेशानी आयी है
नहीं किसी दोस्तों से या दुश्मनों से
यह खुद ही खुद से लड़ती है।