यादें
यादें
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यादों की समंदर में
जब चुनता हूँ में मोती
सोचता हूँ में बैठ के
ज़िन्दगी है एक हसीन चुनौती
यादों की लहर में
डोल रहा है मेरी नाव
अतीत से बहुत कुछ सिख के
अब तो जरा संभल जाओ
यादों की पहेली है एक चक्रव्यूह सा
मिलती नहीं है राह उस से मुक्ति पाने का
यादों की उन पन्नो में अगर
में लिख सकूँ कुछ अनकहीं बातें
शब्द काम पड़ेंगे और
भर आएंगे मेरी आँखे
यादें कभी रुलाती है तो कभी हँसाती हैले
किन ज़िन्दगी वह हैजो सिर्फ चलती ही जाती है