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Shivam Sharma jai shri krishna

Romance Classics

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Shivam Sharma jai shri krishna

Romance Classics

दिल के अल्फाज

दिल के अल्फाज

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दिल के अल्फाजों को कैसे बयां करूं

को कैसे बयां करूं

कभी कलम और कागज पर लिखा करूं

 कैसे तुम मिल पाओगी सोचा नहीं

 खुदा से हर दम यूं ही दुआ करूं

 

 ए हसीना अंजाम की की परवाह नहीं

 तुझसे मिलने हर दफा सोचा करूं

 हम पर थोड़ी सी रियायत और करो

 तुमसे मिलने की शिकायत ना करो

दिल के आंसू को कैसे रोका करूं 


जुल्म न ए बेवफा मुझ पे करो

तुमसे यह नजरें मिलें ये दुआ करो 

 ए हसीना तुझ पर दिल दिया करूं

 तुम से ये ही इनायत किया करूं


कतरा कतरा यह दिल ना किया करो

 ठोकर इस दिल को यूं ना दिया करो 

ऐ सनम तुझसे मोहब्बत किया करूं

दिलबर तुम पर शायरी लिखा करूं।


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