दिल और खिलौना
दिल और खिलौना
सुनो तुम दिल तोड़ने वाले हो ना कुछ कहना और पूछना चाहती हूँ तुमसे,
दिल तोड़ने वाले अक्सर दिल तोड़ कर मुस्कुराते हैं,
क्यों तुम जैसे लोगों को भी कभी....
दिल-ए-ज़ख्म नहीं सताते हैं,
मैं पूछती हूँ तुमसे क्यों तोड़ा दिल मेरा,
ये मेरा दिल,
ना तो बाज़ारु था,
और शायद कभी तुमको....
लगा अपना भी नहीं था,
तुमने छोड़ा क्यों नहीं मेरे दिल को उसके हाल पर,
बता ना ओ जान मेरी..
दिल ही तो था ना मेरा..
ये दिल कोई खिलौना थोड़ी था