दिल और दिमाग
दिल और दिमाग
वैसे सोचने के लिए तो,
यह मुद्दा बड़ा है मुश्किल है।
आखिर सोचो दिमाग मजबूत है,
या कमजोर हमारा दिल है ?
कहने को तो दिमाग हमारा,
नजरिए में बड़ा ही समझदार है।
दिल में भावुकता है छिपी है और,
ये हमेशा से बड़ा ही वफादार है।
दोनों में से अगर एक चुनना पड़े,
तो शायद ये सही नहीं है।
दिल और दिमाग के बिना,
कोई काम कभी होता नहीं है।
दिल तो इंसानियत दिखाता है,
और दिमाग समझदारी लाता है।
दिमाग से काम करोगे तो,
इंसानियत कहीं पीछे छूट जाएगी।
और अगर दिल से करोगे तो,
कुछ चीजें होंगी जो टूट जाएंगी।
दिल तोड़ता जरूर है किसी मोड़ पर
लेकिन सिर्फ हमें जोड़ने के लिए।
सही हमें सही राह दिखाता है,
बेतुकी बातों को छोड़ने के लिए।
दिल और दिमाग का झगड़ा छोड़ो
तुम इन दोनों से नाता जोड़ो।
ना ये कमजोर है ना ये मजबूत है
क्योंकि इसे चलानेवाले इंसान ही दूत है।