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मिथलेश सिंह मिलिंद

Inspirational

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मिथलेश सिंह मिलिंद

Inspirational

दीपावली का उद्देश्य

दीपावली का उद्देश्य

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दोहा छंद

भेद-भाव का नाश हो, मनोभाव हो एक। 

मन का अँधियारा मिटे, दीप जलाओ नेक।। 


लावणी छंद

बाती माफिक बने हृदय यह, मन में तृष्णा नहीं पले। 

आपस में हो भाई-चारा, आशाओं के दीप जले।। 


दीपक का संदेश जहां को, दीप-दीप बन गले मिलें। 

रहे दीप सी मन में दृढ़ता, तूफां में जो नहीं ढ़ले।। 


मतभेदों को आग लगा दो, रिश्तों में बस शहद घुले। 

मिट जायेगा जगत अँधेरा, बस दीपों से दीप मिले।।


कभी न कटुता मन में आये, मानवता की छाँव तले।

मानवता के पथ पर साथी, चलो आज मिल साथ चलें।। 


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