दीप तुम प्रज्वलितकरते रहो
दीप तुम प्रज्वलितकरते रहो
अंधकार के रास्तों पर,,,
दीप तुम प्रज्वलित करते रहो...!!
आने वाली नस्लों को यूं ही,,,
सीख तुम देते रहो...!!
हे वीर सैनिक तुम हो भारत का गौरव,,,
तिरंगे के गीत सदा गाते रहो...!!
देश की सरहद पर फैली तन्हाई में,,,
एक दूसरे के मीत तुम बनते रहो...!!
वीर सपूत हो भारत माता के,,,
पताका जीत की तुम सदा,,,
सरहद पर लहराते रहो...!!
हे सैनिक,
तुम सब हो अटल,अमर,अजर,,,
हृदयों में बनकर देश भक्ति का प्रतीक,,,
तुम सदा ज्योति सा जलते रहो...!!
तुम वीरों के कारण ही,
दुश्मन झीर निद्रा में सोते है,,,
अखंडता है भारत की तुमसे,,,
पग पग धीर तुम,
जीत की ओर अग्रसर रहो...!!
तेरी गौरव गाथा के,,,
गीत सदा हम गायेंगें…!!
तेरी आन,बान,शान में,,,
हम बलि-बलि जायेंगें...!!
तेरे ही कारण है देश में व्याप्त,,,
शांति,चैन और अमन...!!
हे सैनिक तुमको है ह्रदय से,,,
कोटि-कोटि नमन...!!
