ध्वज छाया
ध्वज छाया
तीन रंग अति प्यारा, झंडा न्यारा है हमारा,
जन मन का दुलारा, तिरंगा आज फहराया है!
अमृत पर्व है आया, घर -घर ध्वज छाया,
वीर पग बांध चले, जन-जन को है भाया है!
लाखों ही शहीद हुए जन धन प्राण खोया,
फांसी चढ़े कई जेल गए तब कहीं पाया है!
देश ये आजाद हुआ, आन मान शान बढ़ा,
राष्ट्रप्रेम का भाव सबके ही मन में समाया है!