STORYMIRROR

Mukesh Kumar Modi

Inspirational

4  

Mukesh Kumar Modi

Inspirational

धरती माँ का आँचल

धरती माँ का आँचल

1 min
482

पृथ्वी के हर कण कण में समाया माँ का प्यार

देकर हमको जीवन करती अनगिनत उपकार


वृक्षों के माध्यम से हम सबको प्राणवायु देती

पहले हमसे वो वृक्ष का बीज और जल लेती


एक बीज लेकर बदले में लौटाती फल हजार

वात्सल्य से भरपूर अपनी धरती माँ का प्यार


पालन करने वाली माँ का रखना हमें ख्याल

हमें नहीं फैलाना भौतिक इच्छाओं का जाल


करती खोखला धरती को भौतिकता विनाशी

धरती को बचाती आध्यात्मिकता अविनाशी


दिव्य गुणों से मिटाओ मन बुद्धि का प्रदूषण

दूषित विचारों को नहीं दो आने का निमन्त्रण


शुद्ध करो धरती को बनाकर खुद को पावन

हरियाली फैलाओगे तो बरसेगा सुख सावन


धरती माँ के आँचल में जितनी होगी हरियाली

उतनी ही खुशियां हमारे जीवन में आने वाली


आओ धरती माँ का आँचल हरा भरा बनाएं

सारे संसार को हम मिलकर खुशहाल बनाएं!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational