धरती माँ का आँचल
धरती माँ का आँचल
पृथ्वी के हर कण कण में समाया माँ का प्यार
देकर हमको जीवन करती अनगिनत उपकार
वृक्षों के माध्यम से हम सबको प्राणवायु देती
पहले हमसे वो वृक्ष का बीज और जल लेती
एक बीज लेकर बदले में लौटाती फल हजार
वात्सल्य से भरपूर अपनी धरती माँ का प्यार
पालन करने वाली माँ का रखना हमें ख्याल
हमें नहीं फैलाना भौतिक इच्छाओं का जाल
करती खोखला धरती को भौतिकता विनाशी
धरती को बचाती आध्यात्मिकता अविनाशी
दिव्य गुणों से मिटाओ मन बुद्धि का प्रदूषण
दूषित विचारों को नहीं दो आने का निमन्त्रण
शुद्ध करो धरती को बनाकर खुद को पावन
हरियाली फैलाओगे तो बरसेगा सुख सावन
धरती माँ के आँचल में जितनी होगी हरियाली
उतनी ही खुशियां हमारे जीवन में आने वाली
आओ धरती माँ का आँचल हरा भरा बनाएं
सारे संसार को हम मिलकर खुशहाल बनाएं!