#धन्यवाद शिक्षक
#धन्यवाद शिक्षक


विद्यालय है मन्दिर मेरा
शिक्षक देव समान।
विद्या अर्जन पूजा मेरी
देशभक्ति संधान।1।
शिक्षा का है अर्थ सीखना
शिक्षा सुख आधार।
शिक्षा से आदर्श बनें हम
शिक्षा मानवत्व सार।2।
शिक्षा करे विकास व्यक्ति का
नैतिक बने चरित्र।
आचार और व्यवहार बनाये
मन को करे पवित्र।3।
व्यक्ति का व्यक्तित्व बनाये
और समाज का रूप।
वातावरण से करें समन्वय
बने समय अनुरूप।4।
कर्त्तव्यों का बोध कराये
नेतृत्व का दे शिक्षण।
कुशल करे जीवन में अपने
सामाजिक प्रशिक्षण।5।
राष्ट्रीय एक्य के भाव जगाये
अनुशासन भी लाये।
मैं हूं कौन, प्रकृति क्या है?
परिचित हमें कराये।6।
शिक्षा हल है समस्याओं का
शिक्षा ही समाधान।
जन्म और मृत्यु तक चलती
शिक्षा ही अविराम।7।
कुछ अनुभव कुछ अनुकरण हैं
शिक्षा के सामान।
जीवन शिक्षा शिक्षा जीवन
संस्कृति की पहचान।8।
विद्यालय ही नहीं प्रकृति भी
व्यक्ति को देती ज्ञान।
सीख सको तो लेलो शिक्षा
धरती या आसमान।9।
अध्यापक करते प्रभावित
बुद्धि तर्क और ज्ञान से।
करें अगर एकाग्र चित्त तो
गर्व करें परिणाम से।10।
शिक्षा है प्रक्रिया जीवन की
विजय संघर्ष पर पाती है।
क्या है धर्म अधर्म है क्या
सही हम हैं बतलाती है।11।
शिक्षा प्रजातंत्र की प्रहरी।
सत्य का साक्षात्कार।
शिक्षा है गतिशील परिवर्तन
विकसित करे उद्गार।12।
शिक्षा के जो अधिकारी हैं जो
वे हैं सर्व महान।
उनके निर्देशन में हम सब
करें प्रगति महान।13।
शिक्षा पा शिक्षित कहलाए
करें ज्ञान का का पान।
ज्ञान पिपासा के प्यासे जो
वे पंडित महा विद्वान।14।
गांव-गांव और नगर नगर में
शिक्षा का प्रसार ।
सबको शिक्षा सबकी शिक्षा
रूढि पर पर प्रहार।15।
शिक्षण दे जो शिक्षित करते
वे शिक्षक बहुत महान।
उनका वन्दन सच्चा वन्दन
करे प्रगति जग, हो कल्याण।16।