Anita Chandrakar

Inspirational

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Anita Chandrakar

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पाखंड

पाखंड

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माथे तिलक लगा लेने से, कोई संत नहीं बन जाता।

माला धारण कर लेने से, कोई भक्त नहीं बन जाता।

धर्म आस्था का करे दिखावा, बढ़ती जाती आस।

पकड़ नब्ज़ भोली जनता की, जीत लेता विश्वास।

तरह तरह का लोभ दिखाता, लूटता धन फुसलाकर।

लूटी जाती अस्मिता बेटियों की, कभी दिखाता डर।

पाखंड सिर चढ़कर बोल रहा, छल रहा विश्वास।

पूजे जाते पाखंडी देखो,अक्ल चरने जाती घास।

अब तो जागो मनुज, सेवा परहित को अपना लो।

घर में हैं भगवान तुम्हारे, परवाह ज़रा उनकी कर लो।


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