अब तू ही तू
अब तू ही तू
जब से मेरी जिंदगी में हुए हो शामिल तुम
कोई मेरे दिल मे हुआ न शामिल तब से।
जन्नत बन उतर आए हो नयनों में मेरे
बस एक तुम ही लगे मेरे काबिल मुझे।
तुम्हारे दर्द भी अब मुझको दर्द दे जाते हैं
मेरे रोम रोम में सिर्फ तुम्हारा ही दाखिला हैं।
मेरी जिंदगी के अंधियारों में जुगनू हो तुम
मेरे जख्मों के समंदर के साहिल हो तुम।
किए होंगे कुछ कर्म अच्छे मैंने भी जो
इनाम में मुझ में शामिल हुए हो आज तुम।
मैं इश्क में थोड़ी सी कच्ची सी ही रही हूँ
अब तुम्हारी मोहब्बत ए किताब में शामिल हूँ।
लोग जाने क्यूँ मुझे बदनाम किया करते हैं
इस "मंजु" के दिल में तो अब तू ही शामिल है।