धारा के विपरीत में
धारा के विपरीत में
धारा के विपरीत में, चलें रचें इतिहास।
एक नया ही पाठ बन,सबको लगिए खास।।
धारा के विपरीत चल, बाधा को कर पार।
नया सृजन अब कर यहां, जीवन हो गुलजार।।
धारा के विपरीत बढ़,आगे आगे आज।
सफल करें सब सोच को,अपना ही हो राज।।
धारा के विपरीत कर,पावन सुन्दर काम।
खुशियां सबको तब मिले, सुरभित होगा नाम।।
धारा के विपरीत ही, मिलता सुखद मुकाम।
फिर सब मिले अशेष सुख, दुआ करे आवाम।।