धारा 370 को हटाये जाने पर देश
धारा 370 को हटाये जाने पर देश
जन मानस का सपना था ये,
अपने को अपनाने का,
एक तिरंगा, एक विधान
एक ही शासन पाने का,
7 दशक की कोशिश थी ये,
हाँ, थोड़ी सी देर हुई
भूल सुधार लाने में,
भारत माँ गर्वित है आज,
जम्मू कश्मीर और लद्दाख के
UT स्टेटस पाने में,
चारों ओर उमंगे हैं,
आँखों में उमीदें हैं,
जो वर्षो से शोषित, वंचित थे
उनके अधिकार पुनः अब जिन्दे हैं,
कुछ रत्ती भर विलासित
भ्रमित बुद्धि वाले लोग,
बैचेन हुए अब जाते हैं,
कोई गोंद, कोई धागा,
कोई भारत में कश्मीर
होने की वजह 370 को बताते हैं,
ये कुतर्की, ये बुद्धिहीन
कभी जो अलग था ही नहीं,
फिर उसको हम जोड़े क्यूँ ?
जो संवेधानिक व शासन की भूलें थी,
उसको ना सुधारे क्यूँ ?
कल क्या होगा ?
ये होगा, वो होगा
वो डर से व्याकुल चिंतित हैं,
बदलाव से इतने सहमें हैं,
पूछ रहे हैं
कल कुछ और भी
बदला जायेगा ?
तो सुन लो,
जो जो देश हित,
समाजहित में होगा,
हर फैसला लिया जायेगा,
भारत का ये स्वर्ण दौर है,
नए भारत की हवा चहुँ ओर हैं,
बंटवारे व अलगावी सोच को
बदला जायेगा,
कोई सरकार को
हिन्दू त
ालिबानी कहता है,
अरे अज्ञानी ! थोड़ी सी आँखे तो खोल,
हिन्दू होने के मतलब में
“सर्वे भवन्तु सुखिन:” आता है,
कुछ इसको लोकतंत्र पर हमला बोल रहे,
कुछ छदम उत्त्साही
असंवेधानिक इसको बोल रहे,
कपटी सारे !
भूल गए वो लोकतंत्र के सारे घावों को,
रातों रात घर उजाड़कर,
नफरत को वो पाल रहे थे,
चंद परिवारों के पेट की खातिर,
लाखों को भूखा सुला रहे थे,
लद्दाख को सौतेला मान रहे थे,
पत्थर खूब उछाल रहे थे,
अब तो वो माहौल बना है,
लोकतंत्र के नासूरों को
सही दवा का इलाज मिला है,
आगे की इबारत हम लिख ले जायेंगे,
मेरे देश के युवा ख़ूब सजग हैं,
नई चुनौती, नई जिम्मेदारी
बखूवी खूब निभाएंगे,
खोटी धारा और खोटे वादों की
इस लोकतंत्र ने नहीं चुना है ,
देश ने जो जनाधार चुना है,
सशक्त अपना प्रधान चुना है,
सबका साथ, सबका विशवास
सबका विकास चुना है,
आजादी के पर्व माह में हमने
एक विधान, एक ही शासन
एक हिंदुस्तान चुना है,
देश हित में फैसला लेने को ही,
हमने ये सरकार चुना है,
ये लोकतंत्र, ये संविधान चुना है,
बदलावों का चयन किया हैं,
आशाओं और उमीदों वाले भारत ने
अपनी मंजिल,अपना मुकाम चुना है।