देशभक्ति का गीत
देशभक्ति का गीत
आज धरा रज पर लिखनी एक कहानी है ,
हर बालक हो वीर सपूत,आज धरा ने ठानी है ,
आज लिखनी हर दिल पर,वही वीरता पुरानी है ,
हर बेटी का रूप हो ऐसा,जैसे वो झाँसी की रानी है ,
हो हर बालक महाराणा प्रताप,कुछ लिखनी यूँ कहानी है ,
आज बना कुछ नव स्तंभ,बस देश बदलने की ठानी है ,
बदले जो हर दुर्बुद्धि,कुछ ऐसी सुमति लानी है ,
जाग्रत कर हर नारी को,नव साम्राज्य की लिखनी कहानी है ,
गढ़े जो संस्कारो की भूमि,लिखनी हर परिवार की कहानी है ,
वीरता के गीत जुबां पर,याद वीरो की कुर्बानी है ,
आज जरा कुछ याद उन्हें,बस आंखों से छलकता पानी है ,
हर कुर्बानी को दे सम्मान सब,अब वीरो ने यह ठानी है ,
चले मार्ग अब सब महापुरुषों के,लिखनी वो परिवर्तन की कहानी है ,
आज धधकते अंगारों से टकराने की,हम सब ने ठानी है ,
ले कर मशाल हाथ अब,बस विवेक जगाने की ठानी है ,
पावन रज का कर तिलक अब,जुल्म मिटाने की ठानी है ,
जो न लिखी आज तक,बस लिखनी वही कहानी है ,
हर बालक और बाला को,वीर बनाने की ये कहानी है ,
तस्वीर बदल अब वसुधा की,बस रचनी कुछ अलग कहानी है
बदल जरा आज खुद को,नव क्रांति लानी है ,
वीरता के भाव जगा बस,जयहिंद की सेना बनानी है ,
कलम लिखे अब गीत कुछ ऐसा,बस सोई वीरता जगानी है ,
बस जयहिंद की क्रांति लानी है , वीरता बस जागे मन मे,बस यही वो कहानी है ।।