देश तुम विश्वास धरो
देश तुम विश्वास धरो
देश तुम विश्वास धरो
जब तक प्राण है प्रबल
और निश्चय भी है अटल
देश तुम विश्वास धरो।
मार्ग हो या न हो
धूप हो या छाँव हो
रहूँगा सदा मैं तत्पर
सहर्ष, सजग यूँ होकर
देश तुम विश्वास धरो।
रात हो या दिन हो
पाँव में अगर भी छाले हो
रक्षा करूँगा मैं होकर अटल
देश तुम विश्वास धरो।
