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आकिब जावेद

Inspirational

5.0  

आकिब जावेद

Inspirational

देश प्रेम

देश प्रेम

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देश का नाम हमको करना है

साथ मिल जुलकर यार रहना है।


है मुहब्बत हमें वतन से अगर

सब रहे मिल के ये ही सपना है।


रहबर देश के मुलाज़िम हैं

क्यूँ भला उनसे हमको डरना है।


कैसा दुश्मन हो हम नहीं डरते

इस ज़माने से ये ही कहना है।


जान दे देंगे हम तिरंगे पर

अब हमें एक बन के रहना है।।


बस मुहब्बत ही हो ज़माने में

नफ़रतें अब ज़रा न सहना है।


धर्म-जाति के नाम पर 'आकिब'।

इस सियासत से अब न डरना है।।



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