देश प्रेम की खुशबू
देश प्रेम की खुशबू
फ़िज़ाओं और बहारों में
बिखरी देश प्रेम की भीनी
खुशबू ,बहारे भी है कहती मेरी
हस्ती मस्ती देश प्रेम की भीनी भीनी खुशबू।।
जवानों के जज्बे से मचलती
बहकती जिंदगी जीने का मकसद
दम भरती देश प्रेम की भीनी ।।
माटी के कण कण से
निकलती जवाँ दिलों के
सांसों धड़कन में बसती
देश प्रेम की भीनी खुशबू।।
साहित्य संस्कृति संस्कार
प्रवाह में निखरती है देश
प्रेम की भीनी खुशबू।।
आन वान सम्मान अभिमान
देश प्रेम की भीनी भीनी
खुशबू का आवनी आसमान।।
कोख की कालीन करम
किस्मत तकदीर हाथो की
लकीर राज रंक फकीर की
पहचान देश प्रेम की भीनी
खुशबू।।
लहरारते इतराते तिरंगे का
मान भावों का भान मजदूर
किसान की शान देश प्रेम की
भीनी खुशबू।।
देश का की माटी का तन
नमक फ़र्ज़ का मन किस्मत
की चंद लकीरे देश का गर्व
भारत कहूँ या हिंदुस्तान देश
की भीनी खुशुबू ही जिगर जान।।
