देश प्रेम का रंग
देश प्रेम का रंग


देश प्रेम का रंग अनोखा,
इसके रंग में रंग जायें।
मुक्त कंठ से, हर्षित मन से,
भारत माँ के गीत गायें।।
भारत हमारी जननी है,
जननी से बढ़कर कोई नहीं।
रक्षा में इसके कितने ही,
लालों की आँखें सोई नहीं।
जो आँख दिखाये, इसे सताये,
उसको हम मार भगायें।
मुक्त कंठ से, हर्षित मन से,
भारत माँ के गीत गायें।।
सैनिक भारत के वीर हैं
इनसे ही सुरक्षित देश।
इनके ही बलिदानों से,
हुआ राष्ट्र उन्मेष।
मान करें, सम्मान करें
उन्हें सदा अपनायें।
मुक्त कंठ से, हर्षित मन से,
भारत माँ के गीत गायें।।
सदियों से ही सदा विशेष,
रहा है देश हमारा।
ज्ञान, ध्यान और योग संस्कृति का,
सदा परिवेश हमारा।
नित शोध करें, अवबोध करें,
अंतर के मोती पायें।
मुक्त कंठ से, हर्षित मन से,
भारत माँ के गीत गायें।।