देश खतरे में हैंं
देश खतरे में हैंं
लोग जमी बाटते रहे, आसमान बाटते रहे,
आज गली मोहल्ले, घर घर बट गए,
वो हरा अपना, वो केसरिया अपना करते रह गये
और तिरंगा आज तीन भागों में बंट गया
अब रंगों ने जाती पात नहीं देखी
दिख गया आज सच क्या है,
हिन्दू भी हरे में है, मुस्लिम भी है केसरिया में
मुसीबत की घड़ी में ये भी संदेश है,
कि सम्भाल जाओ अभी भी देश अपना एक ही है
सबके सर पर जिस तिरंगे की छत है, वो तिरंगा एक ही है।