देश के हीरो
देश के हीरो
खुला चमन और चंचल काया,
ये पवन मंद-मंद मुस्काया फैलाकर शीतल छाया,
अरे देखो!सुन्दर प्रकृति का क्या रंग निखर आया,
एक छोटे से विषाणु ने क्या ख़ूब सबक सिखाया,
पलट के रख दी दुनिया की काया,
कौन है महाशक्ति है किसी के समझ ना आया,
हमारी मनमर्ज़ियों नें महामारी बनकर हम पर ही क़हर बरपाया!
कोई चला था मंगल पर घर बसाने, कोई चाँद नया बनाने,
और कोई चला था विश्वयुद्ध करके दुनिया हथियानें,
इस मुश्किल की घड़ी में अब तो ये भ्रम दूर करो,
पहले ख़ुद की स्वछता करो फिर वातावरण की निर्मलता पर ज़ोर दो,
अपनी बेड़ा स्वयं उठाकर अपनों एवं अपने देश की सुरक्षा करो!
कोरोना के लक्षण छुपाओगे तो एक साथ कई जानें ले जाओगे,
ख़ुद का इलाज़ कर ना करो घर पर शक्तिमान बनाने का प्रयोग,
और स्वयं देश के हीरो कहलाओगे!