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Neerja Sharma

Abstract

4  

Neerja Sharma

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डयूक

डयूक

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ड्यूक आज पूरे एक साल का हो गया ,

जो सोचा न था वो सब हो गया I

घर में कोई पेट होगा यह मन में न आया ,

पर बच्चों ने कुछ अलग ही कर दिखाया I

मयंक व सात्विक की वह जान बन गया ,

सारा जहाँ मानो उस में सिमट गया I

इंसान न होकर वह सब बोलता है ,

बच्चों की भाषा अच्छे से समझता है I

पिछले जन्म का कोई रिश्ता जरूर है 

तभी तो ड्यूक हमसे जुड़ा है I 

छोटा सा प्यारा सा जब सात्विक लाया था 

सारे घर ने जैसे खिलौना पाया था I

हर कोई उसकी सुविधाएं जुटा रहा था 

उदास न हो यह जुगत लगा रहा था I

मैं दुखी थी यह सोच कर कि कैसे रहेगा 

बिन माँ के यह बच्चा कैसे पलेगा I

बच्चों को डाँटती थी, हर पल कहती थी 

कुछ हो गया तो पाप लगेगा,

बिन माँ के यह कैसे बढ़ेगा I

पर!

मैं गलत थी I

आज वह सबकी आँखों का तारा है 

बच्चों के साथ –साथ हमारा भी दुलारा है I

हालात से लाचार मैं उससे दूर हूँ 

पर हर पल उसकी यादों में चूर हूँ I

हर रोज मुंबई में उसकी बातें करतें हैं 

सात्विक की आँखों में उसका प्यार देखतें हैं I

तीन महीने बाद जब वापिस आए 

तब उसकी तड़प को देख पाए I

उसने मुझे अपना विद्रोह दिखाया 

खाना न खाकर मुझे रुलाया I

अलग –अलग चीजें दिखाकर बुलाया 

फिर भी उसका मन न ललचाया I

जो खाना सुनकर दौड़ता था 

आज वह चुपचाप पड़ा था I

सबको देखकर वह बहुत खुश था 

फिर भी कहीं से वह नाखुश था I

जब हाथ से खिलाया तो दौड़ा आया 

सात्विक का बचपन फिर याद आया I

मैं खुश थी उसने सब खाया 

जो भी दिया सब उसे भाया I

आज समझ आया ड्यूक क्या है 

मेरी ममता के बिना वह क्या है I

मूक होकर भी वह सब जानता है 

जानवर होकर भी सब पहचानता है I

आज आने के समय वह परेशान था 

हम जा रहें हें शायद यह जानता था I

यहाँ से वहाँ दौड़े जा रहा था 

जैसे अपनी बैचनी दिखा रहा था I

बड़ा मन था उसे गले लगा लूँ 

थोड़ा सा उसके दिल को मना लूँ I

रो पड़ूँगी ,न देखा उसको 

अब रो रहीं हूँ याद कर उसको I

ड्यूक को तो शायद मयंक संभाल लेगा 

पर हमारा मन तो कई दिन में संभलेगा I

प्यार की भाषा शायद ऐसी ही होती है

 इंसान तो क्या जानवर को भी बदल देती है I

तीन बेटों की माँ हूँ यह ड्यूक ने जताया 

तभी तो उसकी याद ने इतना रुलाया I

हवाईजहाज में बैठ कर न उसे बिसार पाई 

अपनी ममता व उसके प्यार को जान पाई I

एक दुआ अपनों की ,

खुश रहे हमेशा ,खूब उछले कूदे 

न कभी भी किसी को परेशान करे 

हर कोई उसको याद करे I

जो एक बार उसको मिले न वह भूल पाये 

दौबारा उसको मिलने जाए I

जन्मदिन मुबारक हो ड्यूक तुम्हें I




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