डरावना स्वप्न
डरावना स्वप्न
बहुत डरावना स्वप्न देखा था,
तन्हा रात में सैर कर रहा था।
रात को मैं तन्हा सैर कर रहा,
सुनसान रास्ते पर मैं कर रहा।
वो बला सी हसीन चुड़ैल थी,
उसकी हँसी से साँसे रूकती।
बिल्ली जैसे वो गुराई रही थी,
उसके हाथ में तलवार भी थी।
नींद खुली तो हाँफ रहा था मैं,
नींद में भयानक सपना देखा।

