STORYMIRROR

Sumit. Malhotra

Abstract Horror Action

4  

Sumit. Malhotra

Abstract Horror Action

डरावना स्वप्न

डरावना स्वप्न

1 min
335

बहुत डरावना स्वप्न देखा था, 

तन्हा रात में सैर कर रहा था। 


रात को मैं तन्हा सैर कर रहा, 

सुनसान रास्ते पर मैं कर रहा। 


वो बला सी हसीन चुड़ैल थी, 

उसकी हँसी से साँसे रूकती।


बिल्ली जैसे वो गुराई रही थी, 

उसके हाथ में तलवार भी थी। 


नींद खुली तो हाँफ रहा था मैं, 

नींद में भयानक सपना देखा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract