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Rahulkumar Chaudhary

Tragedy Classics Inspirational

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Rahulkumar Chaudhary

Tragedy Classics Inspirational

डर मत तेरे साथ तेरा खुदा है

डर मत तेरे साथ तेरा खुदा है

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क्यूं कहते हो मेरे साथ कुछ भी बेहतर नहीं होता

सच ये है के जैसा चाहो वैसा नहीं होता


कोई सह लेता है कोई कह लेता है क्यूँकि

ग़म कभी ज़िंदगी से बढ़ कर नहीं होता


आज अपनो ने ही सीखा दिया हमे

यहाँ ठोकर देने वाला हर पत्थर नहीं होता


क्यूं ज़िंदगी की मुश्क़िलो से हारे बैठे हो

इसके बिना कोई मंज़िल, कोई सफ़र नहीं होता


कोई तेरे साथ नहीं है तो भी ग़म ना कर

ख़ुद से बढ़ कर कोई दुनिया में हमसफ़र नहीं होता।


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