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Kawaljeet GILL

Romance

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Kawaljeet GILL

Romance

डर में जीने लगे हम

डर में जीने लगे हम

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सजने संवरने का शौक कभी ना था हमको,

तेरे लिए शायद हम सज सँवर भी लेते,

मेहंदी लगाने का शौक तो बहुत था हाथों में,

तेरे नाम की वो मेहंदी हो बस ये ही थी तमन्ना,

हाथों में हों चूड़ियाँ तेरे नाम की माथे पर बिंदिया तेरे नाम की,

बस ये ही तो ख्वाब था जिंदगी का मेरे।


ना ही मजबूरी में कोई रिश्ता जोड़ना है तुझसे,

ना ही शर्तो वाला प्यार करना है,

प्यार हमारा तेरी अमानत जरूर है 

पर ये तकदीर हम पर मेहरबान शायद नही होगी,

इस बात का डर हमको हर पल क्यों है।


जाने ये डर हमारी जान ले लेगा एक रोज

इस बात का एहसास हमको क्यों होता है,

अपने इस डर को हम दिल से क्यों निकल नही पाते,

डरपोक तो नहीं हम फिर भी तेरे प्यार ने हमको डरना सीख दिया,

धोखे इतने मिले अपनों से की अब डर में जीने लगे हम ।


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