चुभन रिश्तों की।
चुभन रिश्तों की।
माता-पिता भाई बहन,
छोटा सा संसार हमारा।
ख़ुशियों का घर हमेशा,
स्वर्ग से ज़्यादा सुंदर है।
चुभन रिश्तों की सदैव,
तभी चुभती होती जब।
घमंड झूठ करते कब्जा,
लालच घृणा का है डेरा।
चुभन रिश्तों की बढ़े तो,
शांतिपूर्वक जवाब ढूँढते।
रिश्तों को सही चलाना है,
समझदारी से निभाना है।