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ritesh deo

Abstract

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ritesh deo

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चरित्रहीन कौन ?

चरित्रहीन कौन ?

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पुरुष बंद कमरे में बिकता है 

स्त्री भरी मेहफिल बिक जाती है....!! 

फर्क बस इतना है कि... 

पुरुष दूल्हा कहलाता है और 

स्त्री चरित्रहीन कहला जाती है..!!


औरतों के चरित्र को 

बेवजह बिगाड़ने वाले विद्वान !

यदि हम पुरुष चरित्रवान होते 

तो कभी कोई औरत वेश्या न कहलाती...!


एक औरत को चरित्रहीन कहने वाला आदमी

तन्हाई में जब अपनी हवस पूरी करता है 

तो उस औरत के पांव भी चूमता है..!


जो हमेशा तबायफ के कोठे पर सब से छुप कर जाता है, 

वही स्त्री को बदचलन और खुद को पाक बताता है..!!


पोलियो से ज्यादा खतरनाक है•••••••• 

चरित्र की विकलांगतता....!!


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