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GOPAL RAM DANSENA

Abstract

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GOPAL RAM DANSENA

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चलो सौदा कर लें

चलो सौदा कर लें

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मुझे सुख चाहिए

बहुत खूब चाहिए

उनके गलियों में

मैं छोड़ आया दुःख

वे रो लेंगे छुप छुप कर

मुझे तो खिला खिला मुख चाहिए

हाँ मुझे सुख चाहिए I

करवटें बदल कर नींद न आए

मुझे हर बात बन, फिक्र सताये

मेरा सेज बना है चांदी सोने का

उन्हें फिक्र नहीं कुछ खोने का

पड़ी है कतरन उनके बिछौने का

वे चल पड़े हैं आज के खातिर

मुझे तो वर्षों के लिए भर भर संदूक चाहिए

हाँ मुझे सुख चाहिए I

वे चलते हैं नंगे बदन को

इंसानियत से ढक कर

मैं संवारता हूं खुद से

आईने को ठग कर

वे साथ थे निस्वार्थ रोने में

मैं रोया स्वार्थ रख सीने में

सौदा लिया मैंने सुख या दुःख

उत्तर आपसे सिर्फ मूक चाहिए

हाँ मुझे सुख चाहिए I


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